मुंबई: असमिया सिनेमा की ताजा सनसनी ‘रोई-रोई बिनाले’ ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया है। दिवंगत सुपरस्टार गायक-कलाकार जुबिन गर्ग की आखिरी फिल्म साबित हुई है कि उनकी विरासत दर्शकों के दिलों में जिंदा है। महज तीन हफ्तों में इस फिल्म ने असमिया सिनेमा के कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं और अब नजरें पैन-इंडिया हिट ‘कांतारा चैप्टर 1’ के मील के पत्थर पर टिक गई हैं। क्या यह नई आंधी पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देगी? आइए जानते हैं पूरी कहानी।

जुबिन गर्ग की आखिरी जंग: ‘रोई-रोई बिनाले’ का धमाकेदार सफर

31 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुई ‘रोई-रोई बिनाले’ ने पहले ही दिन दर्शकों को रोमांचित कर दिया। ETV भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, ओपनिंग डे पर फिल्म ने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की, जो असमिया सिनेमा के लिए एक नया कीर्तिमान था। इंडिया डेली ने इसे असम की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म करार दिया, जहां पहले दिन ही 1.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन दर्ज हुआ। जुबिन गर्ग की संगीतमय दुनिया और भावुक ड्रामा ने न सिर्फ असम बल्कि पूरे भारत के 30 शहरों में थिएटर्स हिलाकर रख दिए।

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दूसरे दिन कलेक्शन में और उछाल आया। रीपब्लिक भारत के अनुसार, शनिवार को फिल्म ने 2 करोड़ रुपये कमाए, जिससे दो दिनों का कुल कारोबार 3.85 करोड़ रुपये हो गया। ABP लाइव की रिपोर्ट बताती है कि शुरुआती ओपनिंग 1.85 करोड़ से शुरू होकर तेजी से बढ़ी। अब तक के आंकड़ों के लिहाज से, फिल्म ने तीन हफ्तों में 25 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है (सैकनिल्क अनुमान)। यह न सिर्फ जुबिन की आखिरी पेशकश है, बल्कि असमिया सिनेमा को नेशनल स्टेज पर नई पहचान दिलाने वाली ब्लॉकबस्टर साबित हो रही है। दर्शक जुबिन की याद में थिएटर्स में रो रहे हैं, और टिकटों की ब्लैकमार्केटिंग की खबरें आम हो गई हैं।

कांतारा चैप्टर 1 का जलवा: रिकॉर्ड जो अब चुनौती में

दूसरी तरफ, ऋषभ शेट्टी की ‘कांतारा चैप्टर 1’ ने 2 अक्टूबर 2025 को रिलीज के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर भूकंप ला दिया था। इंडिया टीवी हिंदी के अनुसार, पहले दिन सभी भाषाओं में 70-80 करोड़ रुपये की उम्मीद थी, जो हिंदी वर्जन में 15-20 करोड़ के साथ हकीकत बनी। फिल्म ने महज 9 दिनों में वर्ल्डवाइड 500 करोड़ का क्लब जॉइन कर लिया (न्यूज18 हिंदी)।

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ट्रेड एनालिस्ट सैकनिल्क की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 25 दिनों में घरेलू कलेक्शन 589.6 करोड़ रुपये पहुंचा, जो प्रभात खबर में उल्लेखित है। माया पुरी ने इसे इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस पर 850 करोड़ के करीब बताया। 50 दिनों बाद टोटल वर्ल्डवाइड कलेक्शन 834.25 करोड़ रुपये हो गया (टाइम्स नाउ नवभारत)। हिंदी वर्जन ने सबसे ज्यादा 224 करोड़ कमाए (ABP लाइव), जबकि कन्नड़ में 106.95 करोड़।

फिल्म ने अक्षय कुमार की ‘गुड न्यूज’ (205.09 करोड़) और अजय देवगन की ‘गोलमाल अगेन’ (205.69 करोड़) को पछाड़ हिंदी हिट्स लिस्ट में 41वें स्थान पर कब्जा जमाया। केकेएन लाइव के अनुसार, 5 दिनों में 362 करोड़ और 10वें दिन 400 करोड़ के करीब पहुंच गई। ETV भारत ने 28वें दिन 852 करोड़ का आंकड़ा दर्ज किया। यह फिल्म कम बजट (16 करोड़) में 50 गुना रिटर्न देकर साल की सबसे कमाऊ साबित हुई, ‘छावा’ (600 करोड़) को भी पीछे छोड़ते हुए (इंडिया टीवी)।

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खतरे की घंटी: रोई-रोई बिनाले क्यों बन रही है खतरा?

हालांकि ‘रोई-रोई बिनाले’ का कलेक्शन अभी ‘कांतारा’ के पैरों तले भी नहीं, लेकिन रीजनल सिनेमा के लिहाज से यह एक चमत्कार है। कांतारा ने पैन-इंडिया स्तर पर 800 करोड़+ का वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड बनाया, लेकिन ‘रोई-रोई बिनाले’ असमिया सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, कांतारा का भारतीय कलेक्शन 465.25 करोड़ था, जो अब 723.75 करोड़ हो चुका। अगर ‘रोई-रोई’ का वर्ड-ऑफ-माउथ जारी रहा, तो यह असमिया फिल्मों के लिए कांतारा जैसा ही मील का पत्थर बन सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जुबिन गर्ग का इमोशनल फैक्टर इसे लंबे समय तक थिएटर्स में रखेगा, जबकि कांतारा का रन अब धीमा पड़ रहा है।

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