देहरादून : उत्तराखंड में पंचायतों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, पंचायतीराज विभाग, उत्तराखंड ने एक दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आज SPRC भवन, पंचायतीराज निदेशालय में शुभारंभ किया। यह महत्वपूर्ण कार्यशाला निदेशक, पंचायती राज, निधि यादव, आईएएस के कुशल निर्देशन में आयोजित की जा रही है, जिसका मुख्य विषय है “पंचायतों द्वारा स्वयं के संसाधनों (OSR) से राजस्व संग्रहण एवं उसका उपयोग”।

आत्मनिर्भर पंचायतों की नींव: OSR की भूमिका

25 और 26 नवम्बर 2025 तक चलने वाली इस कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ संयुक्त निदेशक, पंचायतीराज राजीव नाथ त्रिपाठी द्वारा किया गया। उन्होंने प्रशिक्षण के गहन उद्देश्य और अपेक्षित परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डाला। राजीव नाथ त्रिपाठी ने विशेष रूप से पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने में OSR (Own Source Resources) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उनका मानना था कि स्वयं के संसाधनों से राजस्व जुटाकर पंचायतें न केवल अपनी स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी, बल्कि विकास कार्यों को भी गति दे सकेंगी, जिससे ग्रामीण स्तर पर वास्तविक बदलाव संभव हो सकेगा।

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विशेषज्ञों द्वारा OSR की बारीकियों पर मंथन

प्रथम दिवस के विभिन्न सत्रों में, विषय विशेषज्ञों ने OSR की बारीकियों पर गहन चर्चा की। उप निदेशक, पंचायतीराज, मनोज कुमार ने इस विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उनके साथ, दिलीप कुमार पाल, पूर्व संयुक्त सचिव, पंचायतीराज, पश्चिम बंगाल सरकार, और राष्ट्रीय प्रशिक्षक, भास्कर पेरे पाटिल, एक पूर्व सरपंच एवं राष्ट्रीय प्रशिक्षक, जैसे अनुभवी वक्ताओं ने अपने व्यावहारिक अनुभवों और सैद्धांतिक ज्ञान का साझा किया। उन्होंने राजस्व संग्रहण के नवीन तरीकों, कुशल उपयोग की रणनीतियों और इसमें आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की, जिससे प्रतिभागियों को नई सोच और व्यावहारिक समाधान मिल सके।

राज्य भर से अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण में राज्य के विभिन्न जनपदों से अधिकारीगण सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। जिला पंचायत राज अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी, मुख्य कार्य अधिकारी, और कर अधिकारी जैसे प्रमुख पदाधिकारियों के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इन अधिकारियों की भागीदारी यह सुनिश्चित करेगी कि जमीनी स्तर पर OSR के महत्व और उसके क्रियान्वयन को समझा जा सके और प्राप्त ज्ञान को व्यवहार में लाया जा सके।

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OSR से पंचायतें बनेंगी आत्मनिर्भर – निदेशक निधि यादव

निदेशक पंचायतीराज निधि यादव ने कहा कि राज्य में पंचायतों को वित्तीय रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं के संसाधनों (OSR) की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पंचायतें तभी मजबूत होंगी जब वे अपने स्तर पर राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता विकसित करेंगी।

निदेशक पंचायतीराज IAS निधि यादव ने कहा “राज्य सरकार का उद्देश्य ग्रामीण शासन व्यवस्था को योजनाओं पर निर्भर न रखते हुए प्रबंधन आधारित और वित्तीय रूप से सक्षम मॉडल की दिशा में आगे बढ़ाना है। OSR न केवल वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करता है बल्कि पंचायतों को अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार विकास योजनाएं लागू करने की क्षमता भी देता है।” उन्होंने बताया कि OSR प्रणाली के अंतर्गत पारदर्शिता, डिजिटल भुगतान, टैक्स व उपयोग आधारित सेवाओं का उचित श्रेणीकरण तथा अभिलेखों का सुव्यवस्थित प्रबंधन आवश्यक है।

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निधि यादव ने कहा कि कई पंचायतों ने OSR मॉडल में सफलता प्राप्त की है और अब आवश्यकता है कि इन सफल मॉडलों को पूरे राज्य में लागू किया जाए। उन्होंने संकेत दिया कि भविष्य में OSR आधारित वार्षिक वित्तीय मूल्यांकन प्रणाली लागू करने पर विचार किया जा रहा है।  उन्होंने कहा – “आप केवल प्रशासनिक भूमिका में नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास के परिवर्तनकारी प्रतिनिधि हैं। इस प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को व्यवहार में लागू करें ताकि पंचायतें वास्तव में आत्मनिर्भर बन सकें।”

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